जाने BATTLE OF LONGEWALE.....?
KULDIP SINGH CHNADIPURI WAS A MAJOR IN 23TH PUNJAB WHEN THE PAKISTAN ARMY ATTACKED THE LONGEWALE . PAST IN RAJSTHAN.
ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह इनका जीवनकाल [ 22 NOV 1940 -17 NOV 2018 ] हैं | यह 1971 में हुए इंडिया और पाकिस्तान के युद्ध में लोंगेवाले LONGEWALE से प्रसिद्ध हैं | यह इस युद्ध में वीर और साहसी दिखाने के लिए इन्हे महावीर चक्र से सम्मानित किया गया | जो भारत थल सेना का सबसे दूसरा बड़ा प्रुस्कार हैं | 1997 में बने फिल्म बॉर्डर जो इसी बेटल पर आधारित हैं | इस फिल्म में सनी देओल ने कुलदीप सिंह चाँदीपुरी का रोल अदा किया हैं |
इनका जन्म 22 NOV 1940 मोंटगोमरी [पंजाब ]में हुआ था | जो पहले पाकिस्तान में था ,जो अब अब पंजाब में हैं | उस समय ब्रिटिश शाशन था | उन्होंने ग्रेजुएशन किया और NCC EXAM भी क्लियर किया | चंदेरी अपने तीसरे जनरेशन का आर्मी था | इससे पहले इनके दोनों चाचा AIRFORCE में थे | चण्डीपुरी एकलौता बेटा था |
१९६३ में इन्होने चेन्नई में थर्ड बटालियन पंजाब रेजिमेंट [3 र्ड PUNJAB ], जो सबसे पुराना और प्रसिद्ध थल सेना का रेजिमेंट था | ये रेजिमेंट ने 1965 में हुए [IND-PAK WAR ]में भाग लिए थे | फिर एक वर्ष उन्होंने UN EMERGENY[ UNEF ], GAZA [EGYPT ]में सेवा दी|
बैटल ऑफ़ लोंगेवाले
इनका ये प्रसिद्ध लड़ाई था , इनमे बहुत से जवान शहीद हुए।, ये युद्ध 1971 IND -PAK जिसमे सिर्फ 120 भारतीय सिपाही ने 2000-3000 मजबूत पाकिस्तानी टुकड़ी को खदेड़ क भागने पर मजबूर किया \ये छोटी सी टुकड़ी रत भर पाकिस्तानी सेना को रोके राखी और प्रातःकाल होते ही एयरफोर्स की मद्दत से ये युद्ध जीत ली | पाकिस्तान ने
12 टैंक भी छोड़ने पर मजबुर दिए |
यह एक असली हीरो हैं | हमे गर्व हैं की हम इस देश की मिटटी में जन्म लिए जिन्होंने ऐसे ऐसी विरो जो जन्म देती रहती हैं |
इनका जन्म 22 NOV 1940 मोंटगोमरी [पंजाब ]में हुआ था | जो पहले पाकिस्तान में था ,जो अब अब पंजाब में हैं | उस समय ब्रिटिश शाशन था | उन्होंने ग्रेजुएशन किया और NCC EXAM भी क्लियर किया | चंदेरी अपने तीसरे जनरेशन का आर्मी था | इससे पहले इनके दोनों चाचा AIRFORCE में थे | चण्डीपुरी एकलौता बेटा था |
१९६३ में इन्होने चेन्नई में थर्ड बटालियन पंजाब रेजिमेंट [3 र्ड PUNJAB ], जो सबसे पुराना और प्रसिद्ध थल सेना का रेजिमेंट था | ये रेजिमेंट ने 1965 में हुए [IND-PAK WAR ]में भाग लिए थे | फिर एक वर्ष उन्होंने UN EMERGENY[ UNEF ], GAZA [EGYPT ]में सेवा दी|
बैटल ऑफ़ लोंगेवाले
इनका ये प्रसिद्ध लड़ाई था , इनमे बहुत से जवान शहीद हुए।, ये युद्ध 1971 IND -PAK जिसमे सिर्फ 120 भारतीय सिपाही ने 2000-3000 मजबूत पाकिस्तानी टुकड़ी को खदेड़ क भागने पर मजबूर किया \ये छोटी सी टुकड़ी रत भर पाकिस्तानी सेना को रोके राखी और प्रातःकाल होते ही एयरफोर्स की मद्दत से ये युद्ध जीत ली | पाकिस्तान ने
12 टैंक भी छोड़ने पर मजबुर दिए |
यह एक असली हीरो हैं | हमे गर्व हैं की हम इस देश की मिटटी में जन्म लिए जिन्होंने ऐसे ऐसी विरो जो जन्म देती रहती हैं |
Wow great
ReplyDeleteGood
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